हर किसान को बनवाना ही होगा आईडी कार्ड
बिना इसके नहीं मिलेगी किसान सम्मान निधि व फसल बीमा का फायदा
बैंक से बिना डॉक्युमेंट ले सकेंगे लोन
राजस्थान में आधार कार्ड की तरह ही किसानों का फार्मर रजिस्ट्री कार्ड बनाया जा रहा है । इसके लिए केंद्र सरकार के फार्मर रजिस्ट्री कार्ड प्रोजेक्ट के तहत प्रदेश के सभी किसानों और उनकी खेती की जमीन का ऑनलाइन डेटा तैयार किया जा रहा है ।
कार्ड से किसानों से जुड़ी योजनाओं में फर्जीवाड़ा करने वालों और नकली किसानों पर भी अंकुश लग सकेगा । इतना ही नहीं , इससे बेनामी कृषि संपत्तियों का भी खुलासा हो सकेगा । प्रोजेक्ट के तहत प्रदेश के सभी जिलों में 5 फरवरी से 31 मार्च तक कैंप लगा कर किसानों के यूनिक आईडी कार्ड बनाए जा रहे हैं ।
कार्ड को लेकर किसानों के मन में कई सवाल है
☑️ फार्मर रजिस्ट्री कार्ड कैसे बनेगा ।
☑️ कैसे एप्लाई करना होगा ।
☑️ क्या-क्या डॉक्युमेंट लगेंगे ।
☑️ फायदा क्या होगा ।
☑️ कार्ड नहीं बनवाने वाले किसानों का क्या होगा ।
☑️ क्या बिना कार्ड PM किसान सम्मान निधि का लाभ नहीं मिलेगा ।
सवालों के जवाब
☑️ सवाल :
- फार्मर रजिस्ट्री कार्ड क्या है ।
जवाब : फार्मर रजिस्ट्रेशन कार्ड प्रोजेक्ट भारत सरकार की एक पहल है। ये किसानों के लिए 11 अंकों की एक यूनिक डिजिटल आईडी (किसान आईडी) है।
इसमें किसान के परिवार से जुड़ी डिटेल, उसके मालिकाना हक वाली खेतीबाड़ी की जमीन की डिटेल और उसमे बोई गई फसलों का पूरा डेटा होता है ।
यह फार्मर रजिस्ट्री कार्ड किसान के आधार कार्ड से भी जुड़ा हुआ होता है । इस प्रोजेक्ट में एग्रीस्टैक योजना के तहत प्रत्येक राज्य की फार्मर रजिस्ट्री तैयार की जा रही है ।
☑️ सवाल :
- किसानों के लिए फार्मर रजिस्ट्री कार्ड क्यों आवश्यक है ।
जवाब : पीएम किसान सम्मान निधि और सीएम किसान सम्मान निधि के साथ ही किसानों से जुड़ी हुई अन्य सरकारी योजनाओं के तहत सब्सिडी और बीमा का लाभ लेने के लिए फार्मर रजिस्ट्री कार्ड का पंजीकरण आवश्यक है । जल्दी ही इसे अनिवार्य किया जाएगा ।
☑️ सवाल :
- कौन से किसान फार्मर रजिस्ट्री बनवाने के लिए पात्र हैं ।
जवाब : सभी प्रकार के कृषि जोत धारक किसान , जिनका जमाबंदी (राजस्व रिकॉर्ड) में नाम दर्ज हो , वो फार्मर रजिस्ट्री कार्ड बनवा सकते हैं ।
सीमांत , छोटे और बड़े किसान चाहे वो महिला हों या नाबालिग सभी अपना फार्मर रजिस्ट्री कार्ड बनवा सकते हैं । हालांकि जिनकी जमाबंदी में नाम नहीं है । वो फार्मर रजिस्ट्री कार्ड नहीं बनवा पाएंगे ।
☑️ सवाल :
- फार्मर रजिस्ट्री में किसान का रजिस्ट्रेशन कैसे किया जाता है ।
जवाब : राजस्थान में अभी फार्मर रजिस्ट्रेशन के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर तीन दिवसीय शिविरों का आयोजन किया जा रहा है । शिविर में सभी आवश्यक डॉक्युमेंट के साथ पहुंचकर किसान रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं । कैंप किसानों के लिए फ्री है । इसकी ऑनलाइ़न प्रोसेस करने में महज 10 से 15 मिनट लगते हैं ।
☑️ सवाल :
- यदि किसी किसान का आधार नंबर मोबाइल से जुड़ा है तो , तो क्या वह शिविर में रजिस्ट्रेशन करवा सकता है ।
जवाब : बिल्कुल करा सकता है । ऐसे मामलों में किसान की ई-केवाईसी बायोमैट्रिक (फेस रिकॉग्नाइजेशन) से हो सकेगी । ई-साइन भी बायोमैट्रिक हो सकेगी ।
☑️ सवाल :
- अगर आधार कार्ड और जमाबंदी के नाम में कोई गलती है । या स्पेलिंग अलग है तो क्या होगा ।
जवाब : आधार कार्ड और जमाबंदी में नाम मिलान नहीं होने की स्थिति में भी फार्मर रजिस्ट्री कार्ड बनाने का रास्ता दिया गया है । ऐसे मामलों में कैंप में ही मौजूद पटवारी और तहसीलदार मौके पर ही जांच कर नाम सत्यापन की प्रोसेस निपटाएंगे और कार्ड बनाएंगे ।
आगे भविष्य में किसान के नाम और जमाबंदी के नाम में कोई गलती होने पर आधार कार्ड या राजस्व रिकॉर्ड में किसान को नाम में सुधार करवाना होगा ।
☑️ सवाल :
- शिविर में किसी किसान का एनरोलमेंट तो हो गया परन्तु किसान की फार्मर आईडी नहीं बनी , तो क्या करें ।
जवाब : तत्काल एसडीएम या तहसीलदार को इसकी सूचना देनी होगी ।
☑️ सवाल :
- क्या फार्मर रजिस्ट्री में एक कार्ड ही किसान के पूरे परिवार के लिए काम आएगा । अगर किसी जमीन में कई सह खातेदार है । तो क्या उन सभी किसानों को अलग-अलग कार्ड बनवाना पडे़गा ।
जवाब : राजस्व रिकॉर्ड (जमाबन्दी) में दर्ज हर किसान को अपना अलग रजिस्ट्रेशन करवाना आवश्यक है । ऐसे में अगर एक ही परिवार में एक से ज्यादा लोगों के नाम राजस्व रिकॉर्ड में जमीन है । तो सभी को ही ये कार्ड बनवाना पडे़गा ।
वहीं किसी खाते में कई सह-खातेदार हैं । तो भी सभी को अपना अलग-अलग किसान रजिस्ट्री कार्ड बनवाना आवश्यक है ।
☑️ सवाल :
- क्या अन्य राज्य के निवासी भी राजस्थान में फार्मर रजिस्ट्री में रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं ।
जवाब : यदि उनकी भूमि राजस्थान में है । तो वे अपने आधार नंबर द्वारा रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं ।
☑️ सवाल :
- यदि किसी किसान की खेती वाली रेवेन्यू रिकॉर्ड की जमीन एक से ज्यादा ग्राम पंचायतों में है । तो उसका फार्मर रजिस्ट्री कार्ड कैसे बनेगा ।
जवाब : अगर किसी किसान की खेती वाली रेवेन्यू रिकॉर्ड की जमीन समान तहसील की एक से ज्यादा ग्राम पंचायतों में है । तो एक ही शिविर में उसकी समस्त जमीन को कार्ड से जोड़ते हुए फार्मर रजिस्ट्री कार्ड बना दिया जाएगा ।
वहीं इसके उलट अगर उसकी जमीन अलग-अलग तहसीलों में है तो किसान को एक तहसील से कार्ड बनवाने के बाद दूसरी तहसील में लगने वाले शिविर में पहुंचकर वहां जमीन की जानकारी देकर उसी कार्ड में अपनी जमीन जुड़वानी पड़ेगी । हालांकि उसका यूनिक आईडी कार्ड एक ही रहेगा ।
अगर एक ही परिवार में एक से ज्यादा लोगों के नाम राजस्व रिकॉर्ड में जमीन है । तो सभी को ही ये कार्ड बनवाना पड़ेगा ।
☑️ सवाल :
- किसान का शिविर में एक बार रजिस्ट्रेशन हो गया और उसे एनरोलमेंट स्लीप का प्रिंट दे दिया तो क्या उसके बाद उसकी आईडी से जुडे़ खसरों में संशोधन संभव है ।
जवाब : एक बार एनरोलमेंट स्लीप प्रिंट जारी होने के बाद सुधार के लिए तहसीलदार के स्तर से ही करेक्शन हो सकता है ।
☑️ सवाल :
- यदि किसी महिला किसान के आधार कार्ड में पति का नाम है । और उसके राजस्व रिकॉर्ड (जमाबन्दी) में पिता का नाम है । तो क्या उसका फार्मर रजिस्ट्री कार्ड बन पाएगा ।
जवाब : बिल्कुल बन पाएगा । ऐसे मामलों में किसान का एनरोलमेंट तो हो जाएगा पर इसका अनुमोदन तहसीलदार की ओर से जांच व सत्यापन के बाद होगा ।
☑️ सवाल :
- यदि राजस्व रिकॉर्ड में मृत किसान का नाम हो तो क्या होगा । किसी किसान के दादा और परदादा के नाम जमाबन्दी में होने से उनके उत्तराधिकारी कैसे कार्ड बनवाएंगे ।
जवाब : ऐसे मामलों में किसान को पहले विरासत का नामांतरण (म्यूटेशन) खुलवाना होगा । उनका नाम जमाबन्दी में आने पर ही वो फार्मर रजिस्ट्री आईडी कार्ड बनवा पाएंगे ।
☑️ सवाल :
- यदि किसी मृत किसान की कृषि भूमि का कोई व्यक्ति क्लेम कर ले और शिविर में कार्ड बनवाने के लिए आवेदन कर दे तो क्या होगा ।
जवाब : यह संभव ही नहीं है । क्योंकि आधार एवं मोबाइल ओटीपी के बिना किसी भी जमीन का फार्मर रजिस्ट्री कार्ड का क्लेम संभव नहीं है ।
फिर भी यदि किसी मृत किसान की कृषि भूमि का क्लेम किसी अज्ञात द्वारा किया जाता है । तो प्रॉपर जांच की जाएगी । झूठे दावों को खारिज कर दिया जाएगा और धोखाधड़ी करने वाले दावेदार के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी ।
प्रदेश के सभी जिलों में 5 फरवरी से 31 मार्च तक कैंप लगा कर किसानों के यूनिक आईडी कार्ड बनाए जा रहे हैं ।
☑️ सवाल :
- किसान की मौत हो जाती है । तो उसकी फार्मर आईडी का क्या होगा ।
जवाब : यदि किसान की मौत हो जाती है । तो जब तक उसके वारिस का नामान्तरण नहीं भरा जाएगा । तब तक फार्मर आईडी वैसे ही बनी रहेगी । नामान्तरण दर्ज हो जाने पर मृतक किसान की फार्मर आईडी को डिएक्टिवेट किया जा सकेगा । उसके वारिस के नाम नामान्तरण दर्ज हो जाने पर राजस्व रिकॉर्ड अनुसार उनके वारिस के नाम नई फार्मर आईडी जनरेट की जा सकेगी ।
☑️ सवाल :
- यदि किसी किसान की जमाबन्दी में न्यायालय प्रकरण / स्टे व बैंक रहन आदि का नोट हो तो क्या फार्मर आईडी जनरेट की जा सकेगी ।
जवाब : जमाबन्दी में किसी भी प्रकार का नोट अंकित होने से फार्मर आईडी बनाने पर कोई असर नहीं पड़ेगा । यह डिजिटल आईडी बनाने की प्रोसेस है । इससे राजस्व रिकॉर्ड में अधिकारों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है । ये केवल किसान की पहचान का माध्यम है ।
☑️ सवाल:
- क्या संस्था , मंदिर , ट्रस्ट या प्राइवेट कंपनी के नाम पर कोई कृषि भूमि है । तो उसकी भी फार्मर आईडी बन सकेगी ।
जवाब : जी नहीं , केवल व्यक्तिगत किसान की फार्मर आईडी ही बन सकेगी ।
☑️ सवाल :
- किसान आईडी के साथ जुडे़ डेटा की प्राइवेसी व सुरक्षा के लिए क्या है ।
जवाब : किसान का डेटा सुरक्षित माध्यम से एन्क्रिप्टेड फाइल्स के रूप में रखा जाता है । इसको केवल किसान द्वारा आवेदन करने और अपना कंसेंट देने पर ही किसी विभाग को उसकी जानकारी प्रदान की जाएगी । आधार सीडिंग के लिए ई-केवाईसी प्रक्रिया अपनाई जाती है । ऐसे में इस डेटा को सुरक्षित रखने के लिए आधार ऑथेन्टिकेशन किया गया है । आधार से जुडे़ किसान आईडी को आधार वॉल्ट में रेफरेंस नंबर के माध्यम से सुरक्षित रखा गया है ।
किसानों का डेटा सुरक्षा के लिहाज से एन्क्रिप्टेड फाइल्स के रूप में रखा जाता है ।
☑️ सवाल :
- क्या गैर कृषि उपयोग के लिए कन्वर्टेड भूमि भी किसान आईडी से जोड़ी जा सकती है ।
जवाब : नहीं , किसान आईडी के साथ केवल कृषि भूमि ही जोड़ी जा सकती है ।
☑️ सवाल :
- यदि किसी किसान की जमीन का आगे चलकर कन्वर्जन आवासीय , उद्योग या टूरिज्म में होता है । तो वो किसान आईडी में कैसे डिस्प्ले होगा ।
जवाब : ऐसे सभी भूमि के हस्तांतरण एव हिस्सा परिवर्तन को म्यूटेशन प्रोसेस के माध्यम से राजस्व रिकॉर्ड में अपडेट किया जाता है । इसी के अनुसार फार्मर आईडी में अपडेट हो सकेगा ।
☑️ सवाल :
- फार्मर रजिस्ट्री कार्ड से किसान को क्या फायदे मिलेंगे ।
जवाब : बार-बार ई-केवाईसी कराने की आवश्यकता नहीं रहेगी । बैंक से डिजिटल माध्यम से कृषि लोन बिना किसी दस्तावेज के पात्रता के अनुसार प्राप्त किया जा सकेगा । कृषि व कृषि से जुड़े विभाग की सभी योजनाओं में सब्सिडी का लाभ भी पारदर्शी तरीके से उपलब्ध होगा । किसान को फसली ऋण व फसल बीमा की क्षतिपूर्ति तथा आपदा राहत प्राप्त करने में आसानी होगी ।